शैक्षिक भ्रमण पर आने वाले विद्यार्थियों को पाॅंच प्राचीन यन्त्र, तारामण्डल, हमारा सौर परिवार सी.डी., मौसम के यन्त्रों एवं वर्किंग माॅडल के माध्यम से लगभग 4 घण्टे खगोलीय जानकारी प्रदान की जाती है ।...read more
Welcome to Jiwaji Observatory
इस वेधशाला का निर्माण जयपुर के महाराज सवाई राजा जयसिंह (द्रितीय ) ने सन् 1719 में (दिल्ली के सम्राट मुहम्मद शाह के शासनकाल में मालवा के गवर्नर होकर उज्जैन में रहे थे) किया था, राजा जयसिंह शूर सेनानी, राजनीतिज्ञ व्यवस्थापक तो थे ही, विशेष रूप से विद्वान भी थे। आपने तत्कालीन उपलब्ध पार्षियन और अरबी भाषा में लिखित ज्योतिष गणित ग्रन्थों का भी अनुशीलन किया था। स्वयं ने भी ज्योतिषग्रन्थों की रचना की।
समरकन्द में तैमूरलंग के नाती मिर्जा उलूक बेग ने जो ज्योतिषशास्त्र के मर्मज्ञ थे, वेधशाला बनवाई थी। सम्राट मुहम्मद शाह की आज्ञा से भारत में राजा जयसिंह ने उज्जैन, जयपुर, दिल्ली, मथुरा तथा वाराणसी में वेधशालाएॅं बनवाई। इन वेधशालाओं में राजा जयसिंह ने अपनी योग्यता से नये यंत्रों का निर्माण करवा कर स्थानीय वेधशाला पर उन्होंने करीब 8 वर्ष तक स्वयं ग्रह-नक्षत्रों के वेध लेकर ज्योतिर्गणित के अनेकों प्रमुख उपकरणों में संशोधन किया।...read more